राहत

तुझ संग बीत रहा हर पल, तलब भर रहा है खुशी की,
हस्ती रहे ज़िंदगी, ये चाहत है किसी की,
गर कह दे तो वो शख्स तुम्ही हो,
आरज़ू कह रही है तू राहत है किसी की!!

कैसे बयां करे? कितना प्रेम मिल रहा है
साथ में तेरे जो भी लम्हा गुज़र रहा,
ऐ, खुदा! तू लिख दे उसे, हिस्से में मेरे,
जो बन चुका है हर वजह इस हंसी की!!

ठहर जा तू ज़िंदगी भर साथ में मेरे,
तू क्या जाने, कितना सुकून मिलता है पास में तेरे,
रुकना नहीं चाहते ये जज़्बात ख्वाब में भी मेरे,
यक़ीनन आराम चाहते है हर पल, बाज़ुओं में उसी की,
ज़िंदगी कह रही है तू राहत है किसी की!!



Comments

  1. तुम मेरे लिए "रामघाट" की तरह मायने रखती हो,

    जरुरी भी हो, खूबसूरत भी और सुकून भी..!

    हर हर महादेव ��

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  2. Deeply written ������

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  3. Bhut acha likha h aapne����

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