झलकियां
ना जाने कब तक है, ये सफर संग तेरे,
दिल थमा है इसी एक सवाल पर।
सोचा बस चलते रहे यूँ ही साथ तेरे,
लिपट जाये तुमसे और छोड़ दे हालात पर।
कि आये तू पास मेरे कुछ पल के लिए और ये वक़्त रुक जाये,
कुछ इस तरह जिंदगी भर हम, तुझमे सिमट जाये,
कोई लम्हा वो न आये, तुझसे दूर हो जाने का,
ज़िंदगी यूँ कटें कि रहे तू जगा और हम सो जाये!!
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जी चाहता है बांध ले तुम्हें आज खुद से इस दफा,
क्या पता कल ये सुहानी रात हो न हो,
लगा ले तुम्हें गले और भूल जाये सब इस तरह कि
फिर ये मुलाकात हो न हो।
- Sini
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उस फ़रिश्ते की बात ना कर जालिम, वो मुस्कान दे
चेहरे को हसीं कर गया
दिल का आलम कुछ और ही था, वो खुशियों से भर गया
ना जाने किस मोड मिले वो, जो आहिस्ता से ज़िन्दगी मे इतना प्यार भर गया ।
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तेरे पास रहने की ख़ुशी तेरे दूर रहने के गम से
कहीं ज्यादा हसीन हैं,
महसूस ना होने देंगे तुम्हारी कमी, इतना हमे
हम पर यकीन हैं,
सिमटा लेंगे तुमको खुद में यूं कुछ इस तरह
कि भूल जाओगे तुम ये दुनिया
बाहर कितनी रंगीन हैं। ❤
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रोको न मेरे अल्फाज़ो को, इन्हें आज कुछ कहने दो
कल किस हालात में हो हम, आज थोड़ा दर्द सहने दो
ये चाहत नहीं थम रही, तुम्हें अपने करीब पाने की
तन्हा नहीं रहना तुम बिन कि तन्हा नहीं रहना तुम बिन
खुद को मेरे पास रहने दो!
दिल चाहता हैं जी भर के देखे तुम्हें,
केवल इस वजह ही सही, हमे थोड़ा चुप रहने दो।
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Sanse chahti h tujhme doob jane ko,
Dil hai ki tham sa nhi rha!
Aankhein khti hai tujhme kho jane ko,
Yun kuch palon ka aalam, jm sa nhi rha!
Un bazuo ko smet lu apni bahon me,
Ye mn hai ki bhar sa nhi rha!
Tu karib rh kr bhi or karib aaye,
Khushi me itna bhi, ram sa nhi rha!
Chhute agr tera hath inn hathon se to smjhna,
Meri sanso ka chalta kadam sa nhi rha...!!


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